देर शाम, जब आसमान में आतिशबाजी के रंग-बिरंगे सितारे छाए, तब पुतलों के दहन की तैयारी शुरू हुई। सजीव रामलीला के मंचन के बाद, भगवान राम द्वारा रावण का वध करने का दृश्य दिखाया गया, जिससे लोग उत्साहित हुए। इस अवसर पर स्थानीय निवासियों में जोश और उल्लास का माहौल देखने को मिला।
रावण दहन के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। स्थानीय प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए। इस पर्व ने लोगों में धार्मिक भावना और सांस्कृतिक एकता को प्रोत्साहित किया, और सभी ने मिलकर बुराई के अंत का जश्न मनाया।